Class 9 Biology Chapter 4 Notes in Hindi | मानव स्वास्थ्य एवं रोग ( Human Health And Diseases) Best Science Notes In Hindi

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Class 9 Biology Chapter 4 Notes in Hindi | मानव स्वास्थ्य एवं रोग ( Human Health And Diseases)

इस पोस्ट में हम आपके लिए लाये हैं Class 9 Biology Chapter 4 Notes in Hindi | इस chapter का नाम “मानव स्वास्थ्य एवं रोग ( Human Health And Diseases)” है | इस पोस्ट में हमने class 9 Biology chapter 4 से एक Short Notes बनाया है , जो आपके लिए बहुत ही उपयोगी है |  इस पोस्ट में “मानव स्वास्थ्य एवं रोग ( Human Health And Diseases)” से लगभग सभी पॉइंट को एक एक करके परिभाषित किया गया है जिसे पढ़ कर आप  कम से कम समय में अपनी परीक्षा की अच्छी तैयारी कर सकते है और अच्छे नम्बर से परीक्षा में उत्तीर्ण हो सकते हैं | आप class 9 Biology chapter 4 pdf notes भी Download कर सकते हैं | 

Class 9 Biology Chapter 4 Notes in Hindi

स्वास्थ्य (Health) 

किसी व्यक्ति के शारीरिक, मानसिक,मनोवैज्ञानिक और सामाजिक कुशल क्षेत्र की स्थिति को स्वास्थ्य कहते है | 

अच्छे स्वास्थ्य के लिए आवश्यक शर्तें

 स्वास्थ्य के अच्छे होने के लिए निम्नलिखित शर्त है | 

1. संतुलित आहार :- भोजन का वह रूप जिसमें कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वासा, विटामिन, खनिज-लवण तथा जल आदि प्राप्त मात्रा में उपस्थित हो संतुलित आहार कहलाता है |    

2. व्यक्तिगत और घरेलू स्वच्छता | 

3. स्वच्छ भोजन , वायु एवं जल | 

4. आराम,व्यायाम और आदतें | 

सामुदायिक एवं व्यक्तिगत स्वास्थ्य 

व्यक्तिगत एवं सामुदायिक स्वास्थ्य एक- दूसरे के पूरक होते है, क्योकि समुदाय स्वास्थ्य न हो तो  समुदाय में रहने वाले लोग भी स्वस्थ नहीं रह सकते है | 

सामुदायिक स्वास्थ्य निम्नलिखित बातों पर निर्भर करता है | 

1. स्वच्छ भोजन की आवश्यकता

2. कूड़े – कचरे एवं गंदे जल की निष्पादन की अच्छी व्यवस्था | 

3. हरे-भरे खुले हुए स्थान | 

4. स्वच्छ हवा  | 

5. चिकित्सा संबंधी सुविधाएं | 

बीमारी (Diseases) 

शरीर की वह स्थिति जिसके अंतर्गत मनुष्य अपने कार्यों का निष्पादन ठीक से नहीं कर पाता है , बीमारी कहलाता है | 

बीमारी के प्रकार

        बीमारी कई प्रकार के होते है |

1. अल्पकालिक रोग :- जो रोग अत्यंत काम समय के लिए होते है , अल्पकालिक रोग कहलाता है | 

  जैसे :- सर्दी, खांसी इत्यादि | 

2. दीर्घकालिक रोग :- जो बीमारी लम्बे समय तक या जीवन प्रयत्न रहता है , दीर्घकालिक रोग कहलाता है | 

 जैसे:- टी.वी. , मधुमेह , किलपाम, एक्जिमा इत्यादि | 

3. संक्रामक रोग :- वें बीमारियां जो संक्रमित व्यक्ति के संपर्क से या संक्रमित रक्त, दूध इत्यादि के माध्यम से फैलता है , संक्रामक रोग कहलाता है | 

 जैसे :- सर्दी, जुकाम, मलेरिया, टीवी, हैजा, टाइफाइड , संक्रामक हैपेटाइटिस , रेबीज और एड्स आदि | 

4. अल्पता रोग:-  मनुष्य के संतुलित आहार के अभाव में होता है , अल्पता रोग कहलाता है | 

 जैसे :- वासर कोर और मेरासमस – प्रोटीन की कमी से 

बेरी-बेरी   –  विटामिन ‘B’ की कमी से 

रतौंधी  –  विटामिन ‘ A’ की कमी से 

स्कर्वी  – विटामिन’C’ की कमी से 

रिकेट्स   –  विटामिन’ D’की कमी से 

घेंघा   – आयोडीन की कमी से 

एनीमिया  – आयरन की कमी से 

5 . अंगों की कुसंकरीयता से होनेवाले रोग :- जो बीमारी हमारे शारीरिक अंगों के ठीक से न कार्य करने से होता है, अंगो की कुसंकरीयता से उत्पन्न होने वाले बीमारी कहलाता है | 

 जैसे :- घेघा, मधुमेह , अतिकायता, बौनापन इत्यादि | 

प्रतिक्रिया बीमारी (Allergy)

शरीर की वह अवस्था जिसमें वह किसी पदार्थ के प्रति संवेदनशील होता है , प्रतिक्रिया बीमारी कहलाता है | 

 जैसे :- दमा – यह धूल – कण आदि के प्रति संवेदनशील होता है | 

संक्रामक रोग के उत्पन्न करने वाले कारक

जो सूक्ष्मजीव रोगों का  संक्रमण , संक्रमित जीव से स्वास्थ्य जीव में करते है,संक्रामक कारक  कहलाते है | 

 जैसे :- जीवाणु , विषाणु , कवक, प्रोटोजोआ इत्यादि | 

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  1. विषाणु से होनेवाला रोग :- खांसी, जुखाम, चेचक, एड्स, हरपिक्स, इन्फ्लुएंजा, डेंगू बुखार इत्यादि | 
  2. जीवाणु से होनेवाले रोग :- टाइफाइड बुखार, हैजा, टीवी, एन्थैक्स, मुहांसे ( यह बीमारी स्टे फिलो कोकार नामक जीवाणु से होता है ) इत्यादि | 
  3. कवक से होने वाला रोग :- विभिन्न प्रकार के त्वचा रोग :- डर्मेटाइटिस , दाद , एक्जिमा, एस्परजिलोसिस, तथा भोजन विषाक्तन | 
  4. प्रोटोजोआ से होनेवाला रोग :- मलेरिया, पेचिश , कालाजार, निद्रारोग इत्यादि |   

 प्रतिजैविक (Antibiotics)

वे जैव रासायनिक पदार्थ जो सूक्ष्मजीव द्वारा अपने शत्रुओं के विरुद्ध स्रावित किया जाता है, प्रतिजैविक कहलाता है | 

जैसे – पेनिसिलिन, टेरामाइसीन, टेट्रासाइक्लिन, स्ट्रेप्टोमाइसिन | 

संक्रामक रोग के फैलने में सहायक कारक –   वायु, जल, रक्त का आदान प्रदान, लैंगिक क्रिया, रोग वाहक आदि संक्रामक रोगों के सहायक कारक है | 

अंगों तथा ऊतकों का संक्रमण 

जब कोई सूक्ष्म जीव हमारे शरीर के अंदर प्रवेश करता है तो वह केवल उसी अंगों को प्रभावित नहीं करता है बल्कि शरीर के दूसरे अंगों को भी प्रभावित करता है | जैसे – मलेरिया -परजीवी  प्लाज्मोडियम मच्छर के काटने से होता है, किंतु वह सूक्ष्म जीव रक्त के माध्यम से हमारे यकृत में पहुंचकर रोग ग्रस्त करता है | 

संक्रामक रोगों सामान्य प्रभाव 

  1. जब कोई व्यक्ति संक्रामक रोग से पीड़ित हो जाता है तो सबसे पहले उस रोग से लड़ने की क्षमता घटने लगती है | 
  2. शरीर में नई कोशिकाओं के निर्माण के कारण स्थलीय प्रभाव शोथ  उत्पन्न होता है जिसके कारण शरीर में सूजन, दर्द तथा बुखार आ जाता है | 
  3. शरीर में संक्रामक सूक्ष्म जीवों की संख्या तेजी से बढ़ने पर बीमारी की तीव्रता  भी बढ़ जाती है | 

संक्रामक रोगों के उपचार के नियम 

संक्रामक रोगों का उपचार दो नियमों पर आधारित है-

  1.  रोग के प्रभाव को घटाना
  2.  रोक के कारण को समाप्त करना

स्वास्थ्य और विकास

मनुष्य के अच्छे स्वास्थ्य के लिए आधुनिक विज्ञान ने चिकित्सा के आधुनिक प्रणालियों का विकास किया है  | जैसे – प्लास्टिक सर्जरी,  वृक प्रतिरूपण,  आँख की कॉर्निया का प्रतिरूपण,  शरीर के कृत्रिम अंगों का विकास तथा पेसमेकर तकनीक द्वारा हृदय की शल्क चिकित्सा इत्यादि |  किंतु यह सभी सुविधाएं आम मनुष्य के पहुंच से दूर है |  देश के विकास के लिए देश के नागरिकों की स्वास्थ्य के विकास में दो बड़ी बाधाएं हैं – 

  1.  बढ़ती हुई जनसंख्या
  2.  विभिन्न प्रकार के स्रोतों द्वारा उत्पन्न प्रदूषण | 

 शिशु मृत्यु दर (IMR)

किसी वर्ष में जीवित पैदा होने वाले 1 वर्ष से कम आयु के प्रति 1000 बच्चों में मरने वाले बच्चों की संख्या को शिशु मृत्यु दर कहते हैं 

निष्कर्ष (Conclusion)

इस पोस्ट में हमने आपको Class 9 Biology Chapter 4 Notes in Hindi का लगभग सभी पॉइंट्स को बता दिया है | हमें आशा है कि आपको हमारी यह नोट्स पसंद आयी होगी | अगर आपको हमारी पोस्ट पसंद आती है तो आप कमेंट बॉक्स में एक बार जरूर कमेंट करे और अपने दोस्तों में भी शेयर करे | 

आपको और कौन सी सब्जेक्ट का नोट्स चाहिए , वो भी हमें कमेंट के माध्यम से जरूर बताएं | हम हर समय आपको बेहतर सेवाए देने का प्रयास करेंगे | 

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